बीवी का दूध पीना कैसा है।
इस्लाम ने हमें ज़िंदगी गुजारने के हर तरह के तरीके बताय गए है ताकि हम अपनी ज़िंदगी बेहतर और हलाल तरीके से गुज़ार सकें।
इसी तरह हमे इस्लाम ने यह भी बताया गया है की अगर सोहबत के दौरान मर्द के मुँह में औरत का दूध आ जाय तो करना चाहिए।
बीवी के स्तन (पिस्तान ) चूमना या चूसना कैसा है ?
सोहबत SEX करते वक़्त औरत के पिस्तान (स्तन) चूमना या चूसने में कोई हर्ज़ नहीं बल्कि नेक नियत से हो तो सवाब की उम्मीद है।
बीवी का दूध पीना कैसा है ?
बीवी के पिसतान को चूसते समय अगर दूध मुँह में आ जाय तो फ़ौरन थूक दें और हलक में भी दूध आ गया तो फ़ौरन थूक दें जान बूझ कर दूध पीना नाजाइज़ व हराम है।
तफ़्सीर से समझे।
"फतवा-ए-रजविया" में आला हज़रत इमामे अहले सुन्नत इमाम अहमद रज़ा खान रदिअल्लह तआला अन्हो नकल फरमाते है ---- सोहबत के वक़्त अपनी बीवी के पिसतान मुँह में लेना जाइज़ है बल्कि नेक नियत से हो तो सवाब की उम्मीद है जैसा की हमारे इमामें आज़म रदियल्लाहो तआला अन्हो ने शोहर बीवी का एक दूसरे की शर्मगाह को मस करने के बारे में फ़रमाया की में उम्मीद करता हूँ की वो दोनों उस पर अज़्र (सवाब ) दिए जाएंगे।
हाँ अगर औरत दूध वाली हो तो ऐसा चूसना नहीं चाहिए की जिससे दूध मुँह में आ जाय या हलक में चला जाय और अगर पिस्तान (स्तन ) चूसने से दूध मुँह में आ जाय और हलक में नहीं गया तो हर्ज़ नहीं उसे थूक दें।
औरत का दूध हलक में न जाने दो ये हराम है।
और रोज़े की हालत में इस काम से परहेज़ करें।
क्या बीवी का दूध पिने से निकाह टूट जाता है ?
कुछ लोगो में यह गलत फहमी है की सोहबत करते हुए अगर औरत का दूध मर्द के मुँह में चला गया तो औरत अपने मर्द पर हराम हो जाती है और खुद बा खुद तलाक़ (DIVORCE ) हो जाता है, यह बात गलत है इस की शरीयत में कोई हैसियत नहीं।
"कानूने शरीयत " में है की -----
"मर्द ने अपनी औरत की छाती (स्तन) चूसा तो निकाह में कोई हर्ज़ कोई खराबी नहीं हुई चाहे औरत का दूध मुँह में आ गया हो बल्कि अगर हलक में भी चला गया हो तब भी निकाह नहीं टूटेगा।
लेकिन हलक में जानबूझ कर लेना जाइज़ नहीं है हराम है इस काम से बचना चाहिए।
शेयर करके औरों तक ज़रूर पोहचाय सवाब की नियत से।
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