वोही रब है जिस ने तुझ को हमा-तन करम बनाया हमें भीक मांगने को तेरा आस्तां बताया तुझे हम्द है खुदाया


तुम्हीं हाकीमे बराया तुम्हीं कासिमे अताया * तुम्हीं दाफाए बलाया तुम्हीं शाफेए खताया कोई तुम सा कौन आया।


वोह कुंवारी पाक मरयम वोह का दम * है अजब निशाने आ'ज़्म मगर आमिना का जाया

 वोही सब से अफ्ज़ल आया


येही बोले सिदरा वाले च-मने जहां के थाले सभी मैं ने छान डाले तेरे पाए का न पाया तुझे यक ने यक बनाया


‎‫فَإِذَا فَرَغْتَ فَانْصَبُ येह मिला है तुम को मन्सब‬‎ जो गदा बना चुके अब उठो वक्ते बख़्शिश आया

 करो किस्मते अताया 


‎‫وَإِلَى الإِلهِ فَارْعَبْ करो अर्ज सब के मतलब‬‎ कि तुम्हीं को तकते हैं सब करो उन पर अपना साया


बनो शाफेए खताया 

अरे ऐ खुदा के बन्दो ! कोई मेरे दिल को ढूंडो मेरे पास था अभी तो अभी क्या हुवा खुदाया


न कोई गया न आया


हमें ऐ रज़ा तेरे दिल का पता चला ब मुश्किल दरे रौजा के मुकाबिल वोह हमें नज़र तो आया 

येह न पूछ कैसा पाया


कभी खन्दा रे लब है कभी गिर्या सारी शब है 

कभी गम कभी तब है न सबब समझ में आया 

कभी ख़ाक पर पड़ा है सरे चर्ख जेरे पा है कभी पेशे दर खड़ा है सरे बन्दगी झुकाया


न उसी ने कुछ बताया


तो कदम में अर्श पाय


कभी वोह तपक कि आतिश कभी वोह टपक कि बारिश कभी वोह हुजूमे नालिश कोई जाने अब्र छाया


बड़े जोशियों से आया कभी वोह चहक कि बुलबुल वोह महक कि खुद गुल कभी वोह लचक कि बिल्कुल च-मने जिनां दवा गुले कुस लह-लहाया


कभी ज़िन्दगी के अरमां कभी मर्गे नौ का ख़्वाहां वोह जिया कि मर्ग कुरबां वोह मुवा कि जीस्त लाया


कहे रूह हां जिलाया कभी गुम कभी इयां है कभी सर्द गह तपां है कभी रे लब फुगां है कभी चुप कि दम न था या रुखे काम जां दिखाया


येह तसव्वुराते बातिल तेरे आगे क्या हैं मुश्किल तेरी कुदरतें हैं कामिल इन्हें रास्त कर खुदाया


मैं उन्हें शफीअ लाया

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