पूछते क्या हो अर्श पर यूं गए मुस्तफा की यूं | Nabi Ki Shaan Me Shayari

खूबसूरत नात शरीफ "पूछते क्या हो अर्श पर यूँ गए मुस्तफा के यूँ" 

 1-पूछते क्या हो अर्श पर यूं गए मुस्तफा की यूं 

    कैफ के पर जहां चलें कोई बताए क्या की यूं


2-कसरें दना के राज़ में अक्लें तो गुम है जैसी हैं

   रूहे कुदुस से पूछिए तुमने भी कुछ सुना की यूं


3-मैने कहा की जलवए अस्ल में किस तरह गुमें

   सुब्ह ने नूरे मेहर में मिट के दिखा दिया की यूं


4-हाय रे ज़ौके बे खुदी दिल जो संभलने सा लगा

   छक के महक में फूल की गिरने लगी सबा की यूं


5-दिल को से नूरो दागे इश्क फिर मैं फिदा दो नीम कर

   माना है सुनके शक्के माह आखों से अब दिखा के यूं


6-दिल को है फिक्र किस तरह मुर्दे जिलाते है हुज़ूर

   ऐ मैं फिदा लगा कर एक ठोकर इसे बता की यूं


7-बाग में शुरके वस्ल था हिज्र में हाय हाय गुल 

   काम है उनके ज़िक्र से खैर वो यूं हुआ के यूं


8-जो कहे शे’रो पासे शर–अ दोनों का हुस्न क्योंकर आय

   ला उसे पेशे जलवय ज़म–ज़–मए रज़ा की यूं




एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ