क्या मिट्टी के ढीले से इस्तींजा करने के बाद पानी से धोना ज़रूरी है।
कुछ लोग समझते है की मिट्टी के ढीले से इस्तींजा करने के बाद अगर पानी से नही धोया और ऐसे ही वूजू करली तो नमाज़ नही होगी । हालांकि ढीले से इस्तींजा करने के बाद पानी से धोना ज़रूरी नही है, हां दोनो ढीले के बाद पानी इस्तमाल कर लेना अफ़ज़ल बेहतर है ।
अगर सिर्फ ढीला ही इस्तीमाल किया तो भी काफी है वुजू भी हो जाएगा और नमाज़ भी हो जाएगी।
दोनो चीजों का इस्तिमाल करना बेहतर है अफ़ज़ल है और यह हुक्म दोनो सूरतों के लिए है चाहे पेशाब किया हो या पाखाना ।
हदीस शरीफ़ में है को एक मर्तबा हुज़ूर सल्लालाहो अली वसल्लम ने पेशाब फरमाया । हज़रत उमर फारूके आज़म आदियाल्लाह ताला अनहो एक बर्तन में पानी लेकर पीछे खड़े हो गए । हुज़ूर ने पूछा यह क्या है ? अर्ज़ किया इस्तींजा के लिए पानी है । आपने इरशाद फ़रमाया मुझ पर यह वाजिब नहीं किया गया की हर पेशाब के बाद पानी से पाकी हासिल करूं ।
( मिशकात सफा ४४ सुनने अबू दाऊद जिल्द १ सफा ७)
खुलासा यह है की पाखाना या पेशाब करने के बाद सिर्फ मिट्टी के ढीले या पत्थर वगैरा किसी भी नजासत को दूर या खुश्क करने वाली चीज़ से इस्तिंजा कर लेना तहारत के लिए काफी है । पानी से धोना ज़रूरी नही हां अफ़ज़ल व बेहतर है या अगर नजासत इस्तिंजे की जगह से एक रुपया भर बदन के हिस्से पर फैल गई हो तो पानी से धोना ज़रूरी है।
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